World Food Safety Day क्यों मनाते हैं ?

World Food Safety Day क्यों मनाते हैं ? 



आज के दिन यानी कि 7 जून का दिन विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है । इसका उद्देश्य लोगों को स्वस्थ भोजन के प्रति जागरूक करना है , कोई भी भूकमरी का शिकार ना हो ये सुनिश्चित करना है , साथ में भोजन को बर्बादी को रोकने के लिए लोगो को प्रेरित करना है । 


WORLD FOODS SAFETY DAY


साथ ही यह दिन अन्नदाताओं , यानी कि किसानों को धन्यवाद देने का भी है , जिनकी कड़ी मेहनत से अनाज पैदा होता है और उपलब्ध होता है ।  खाद्यान्न की उपलब्धता और सुरक्षा की वजह से ही को रोना के कठिन समय में भी हर थाली तक अनाज पहुंच पाया है ।

 

World food safety Day के बारे में महत्वपूर्ण बातें -


  • 7 जून 2019 को पहली बार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया गया ।


  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सुरक्षित खाद्य मानकों को बनाए रखने के लिए जागरुकता पैदा करना है ।


  • W H O के अनुसार , जीवन को बनाए रखने और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन जरूरी है ।

WORLD FOODS SAFETY DAY

  • दुनिया में लगभग 10 में से 1 लोग दूषित भोजन खाने के बाद बीमार पड़ जाते हैं और यह एक बड़ा खतरा है । 


  • अच्छे खान पान के होने से आपका जीवन बहुत ही ऊर्जावान , तरो ताजा और शक्तिशाली हो जाता है ।



  • आप एक अच्छा जीवन एक अच्छी Lifestyle चाहते हैं तो आपको अपने भोजन की तरफ ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना होगा ।


  • 2007 में 40 देशों को खाद्यान्न मूल्यों में 140% की बढ़ोतरी हुई जिसके कारण खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ा । 


  • कोरोना महामारी में दिहाड़ी का काम करके भोजन करने वालो को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा ।


  • शुद्ध ,पौष्टिक और मिलावट से मुक्त भोजन हर नागरिक का अधिकार है । यह सुनिश्चित करना और सुरक्षित खाद्य मानकों को बनाए रखने के लिए हम सबका सजग और जागरूक रहना जरूरी है ।


  • हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम समाज में अन्न कि बर्बादी को रोके , खाद्य पदार्थ में होने वाली मिलावट के प्रति जागरूकता लाए ताकि सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार की आवश्यकता सुनिश्चित करने का उद्देश्य पूरा हो सके ।


राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा 2013 अधिनियम क्या है ?

जीवन के लिए भोजन उतना ही जरूरी है जितना कि सांस लेने के लिए ऑक्सीजन । खाद्य सुरक्षा का मतलब है , सभी लोगो के लिए सदैव भोजन की उपलब्धता , पहुंच और उसे खरीदने के लिए लोग सक्षम हो । 

जब भी अनाज के उत्पादन या उसके वितरण की समस्या आती है , तो सहज ही निर्धन परिवार इससे अधिक प्रभावित होते हैं ।

इन्हीं सामाजिक - आर्थिक उद्देश्यों से प्रेरित होकर सरकार द्वारा 12 सितंबर , 2013 को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 बनाया गया , जो देश की लगभग दो - तिहाई आबादी को भोजन का कानूनी अधिकार प्रदान करता है ।


इसी के साथ भारत भोजन की गारंटी देने वाला दुनिया का प्रथम देश भी बन गया । 

बिल के प्रावधानों के तहत, लाभार्थी निम्नलिखित मूल्य पर प्रति पात्र व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम अनाज खरीद सकेंगे:-

चावल : 3 रुपये प्रति किलो 

गेहूं : 2 रुपये प्रति किलो 

मोटा अनाज (बाजरा) : 1 रुपये प्रति किलो


खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ

  • दो तिहाई आबादी का कवरेज, अत्यधिक सब्सिडी वाला खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए।

  • गरीब से गरीब व्यक्ति को प्रति परिवार 35 किलो मिलना जारी है।


  • योग्य परिवारों की पहचान राज्यों द्वारा की जाती है ।




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